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लेखनी प्रतियोगिता -10-Jun-2023 एक गलती

कहते हैं कि इंसान गलतियों का पुतला है 
पर एक गलती ने उसका जीवन बदला है 
कभी कभी एक गलती भारी पड़ जाती है 
उसके कारण पूरी जिंदगी बिगड़ जाती है 
कंचन मृग देख एक गलती सीता ने कर दी 
त्रिया हठ के कारण उसे पाने की जिद कर दी 
एक गलती से संताप , वियोग, दुख सब झेला 
वह एक गलती कर गई जीवन भर का खेला 
कुंती ने जीवन में बस एक ही गलती की थी 
उसकी सजा "बिन ब्याही मां" के रूप में मिली थी 
प्रथम पुत्र के लिए उसकी ममता तड़पती रह गई 
उसकी तमाम जिंदगी आंसुओं में बह गई  
माता सती श्रीराम को केवल नर समझ बैठीं 
उनकी परीक्षा लेने के लिए वे सीता बन बैठीं 
उस एक गलती का दंश जीवन भर झेलना पड़ा 
शिवजी ने त्याग दिया पत्नी का दर्जा खोना पड़ा 
मंथरा की सीख में एक गलती कैकेयी से भी हो गई  
उसके कारण अपने ही पुत्र की नजरों में गिर गई 
भली भांति सोच विचार कर काम करना चाहिए 
जहां तक संभव हो, गलतियों से बचना चाहिए  

श्री हरि 
10.6.2023 


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10 Comments

Punam verma

11-Jun-2023 08:16 AM

Very nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

11-Jun-2023 12:14 PM

🙏🙏

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Asif

11-Jun-2023 06:28 AM

Wahhhh बहुत ही सुंदर और खूबसूरत संदेश देती हुई अभिव्यक्ति

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Hari Shanker Goyal "Hari"

11-Jun-2023 12:13 PM

🙏🙏

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Reena yadav

11-Jun-2023 05:45 AM

👍👍

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Hari Shanker Goyal "Hari"

11-Jun-2023 12:13 PM

🙏🙏

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